राम राज....
राम राज....
राम राज्य... की सुनी थी कहानी...
वाल्मिकि और तुलसी दास की वाणी...
गाथा है यह बड़ी पुरानी...
अयोध्या के राजा थे राम और सीता महारानी..
युगों युगों की कथनी कहलाई...
परान जाए पर वचन न जाई...
एक पुत्र, पिता, क भाई...
एक पति, योद्धा, एक रघुराई...
राम का नाम...अनंत में...
राम का नाम...जीवन के अंंत में...
रावण के संहारक...
हनुमंत जिनके सहायक...
रघुवर है लोकनायक...
राम सेतू के निर्णायक...
रुद्र के भक्त राम लला...
पुरूपोत्तम है जिनकी कला...
राम राज तो गया है बीत..
लेकिन आज भी गाए जाते है
प्रभु के भजन और गीत...
ललकार रहा हूँकार रहा
तेरे मेरे अंदर का रावण जब जल जाएगा...
तब उगेगा नया सवेरा...राम राज फिर से आएगा...
राम राज फिर से आएगा...