nitin

Tragedy

1.0  

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मजबूरी

मजबूरी

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मजबूरी का फायदा हम भी उठाते हैं

कौन पहचानेगा हमें हम भी जाते हैं

कुछ पैसे तो जायेंगे

नश्वर चीज को हम भी देखना चाहते हैं


नोचा कितनों ने होगा

चलो हम भी नोच आते हैं

वो कुछ नहीं बोलेगी

उसकी मजबूरी का फायदा हम भी उठाते हैं


वो वेश्या है, उसका यही काम है

हमें खुश करे और ईनाम ले

गर्व से भरे हैं ऐसा काम कर आए हैं

उसे पैसों का रोब दिखा आए हैं


ना उसको समझा ना उसकी मजबूरी समझी

किसकी गुलाम है वो ना हमने यहाँ बात समझी

हमें नोचने से मतलब हैं हम नोच आए हैं

उसके जिस्म का सौदा हम कर आए हैं


कौन है कहाँ से आई है रब जाने

हमारे लिए मजे के लिए आई है

होगा कोई उसका हमें क्या करना है

हम बाज हैं हमें तो माँस से मतलब है


कौन उसे ले आया

उसकी आत्मा जिस्म सौदा कर आया

वो यहाँ बहुत तड़पती है

भूले दिनों को याद करती है



माँ-बाप की प्यारी थी

घर की रानी थी

मन मौजी थी

हँसी-खुशी की महारानी थी।।


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