संक्रमण
संक्रमण
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हम संक्रमित कल भी थे,
हम संक्रमित आज भी हैं ।
कल भीड़ में जुदा-जुदा थे,
आज भीड़ से ही जुदा हैं ।।
उस व्यस्त सी जिंदगी में,
अपने को कर रखा था,
दूर जिन रिश्ते-नातों से,
चाह कर भी नहीं लग सकते गले आज,
इन बीमारी के डरावने ख्यालों से।
कुछ ना बदला कल और आज में,
सिर्फ दिशा और हालात बदले कल से आज में,
जो कल दरवाजों से आगे थे,
वही आज उसके पीछे है।
जो कल तक थे,
आजाद वो, आज घरों में बंद है,
ना जाने ये वक्त की कश्ती कहां ले जाएगी
और न जाने समंदर में
अब कितने हिचकोले दिलाएगी।