भूख
भूख
भूख होती है नाना प्रकार की कहीं होती है
जिस्म की भूख तो कहीं होती है रोटी की भूख।
भूख ने इंसानों को हैवान बना दिया जो खत्म करें
अपनो को ऐसा शैतान बना दिया।
लड़ते रहते हैं सभी इस की चाह में
सुबह से दोपहर दोपहर को रात बना दिया।
यह भूख छीन लेती है आदमी का सारा
हुनर किसको पता चलता है
कब इसने गरीबे कफन बना दिया।
यह भूख बड़ी खतरनाक है साहब जब लगती है
गरीब के बच्चे को तब उसकी मांँ को
सड़क का खरीदार बना दिया।
