जिसे है सीखना व सिखाना पसंद, सत्य, सरलता, सहजता है जिसका गहना, है अभी और जिसे गढ़ना ।
जो भी हो आज मैं उस दर्द के कारण शब्दों की दीपावली मना सकी हूँ। जो भी हो आज मैं उस दर्द के कारण शब्दों की दीपावली मना सकी हूँ।