श्रमिक देव।
श्रमिक देव।
मैंने कड़ी धूप में मानवता को लड़ते देखा
पेट की खातिर सशरीर श्रमिक को तपते देखा।।
अपने भूखे बच्चों और परिवार की खातिर
मैने न जाने कितने श्रमिकों को पिटते देखा।।
जो श्रमिक कडी मेहनत से देता हमको छाया
उस श्रमिक को मैनें छाया के लिए तरसते देखा।।
श्रमिक को मैनें कड़ी धूप में अन्न उगाते देखा
पर श्रमिक को मैने कभी न चैन से खाते देखा।।
तू ईश्वर स्वरुप मानवता की प्रतिमा है तू
तेरे पारिश्रमिक को मैनें रो रोकर मिलते देखा।।
तुझको राघव का शत् शत् नमन हे श्रमिक देव
तू है सूर्य का प्रतिद्वन्दी मैंने सूर्य से तुझको लड़ते देखा।।
