डॉ. अरुण कुमार निषाद
Tragedy
नदियाँ
सिकुड़ती
जा रही हैं
दिन-प्रतिदिन
और हम
मनमाने ढ़ंग से
फेंक रहे हैं
कूड़े-कचरे
इन नदियों में
गहराई और चौड़ाई
नाममात्र की
रह गई है
इन नदियों की
गर
यही हाल
रहा तो
विलुप्त हो
जायेंगी
सभी नदियाँ
धीरे-धीरे
सरस्वती
की तरह ।
प्रणय
जिन्दगी
पर्यावरण
ग़ज़ल
जल संकट
विक्रिया
यहाँ बेटियों की रक्षा का जिसके सिर पर सहरा है वही प्रशासन नाकामी का घाव लगाए गहरा है यहाँ बेटियों की रक्षा का जिसके सिर पर सहरा है वही प्रशासन नाकामी का घाव लगाए गह...
मेरी हथेली से भी छोटे, उसके हाथ और उंगलियाँ थी, नाज़ुक सी वो बच्ची, मेरे इस आँगन की जान थी, मेरी हथेली से भी छोटे, उसके हाथ और उंगलियाँ थी, नाज़ुक सी वो बच्ची, मेरे इस आँगन...
इसे दर्द की तलब लगी थी सो मैं ले आया हूँ इस दिल को, मेरे एक बीते हुए शहर में जहाँ इसने टूटना सीखा... इसे दर्द की तलब लगी थी सो मैं ले आया हूँ इस दिल को, मेरे एक बीते हुए शहर में ...
किसी की लाश में भी जान फूँक देने वाली थी मैं, फिर आज ना जाने क्यूँ खुद के बेजान जिस्म से सिहर सी ग... किसी की लाश में भी जान फूँक देने वाली थी मैं, फिर आज ना जाने क्यूँ खुद के बेजा...
जाओ जल्दी जाओ और एक नई और बड़ी दियासलाई लेकर आओ। जाओ जल्दी जाओ और एक नई और बड़ी दियासलाई लेकर आओ।
मैं भी अपने देश के लिए कुछ कर सकता हूँ। मैं भी अपने देश के लिए कुछ कर सकता हूँ।
तिरस्कार और लांछन तो जैसे मेला है, आत्मसम्मान की अर्थी निकली हो जैसे, कुड़े में पड़ा एक बेसाहरा टु... तिरस्कार और लांछन तो जैसे मेला है, आत्मसम्मान की अर्थी निकली हो जैसे, कुड़े मे...
माता के संग रोज़ सुबह मैं , विद्यालय पढ़ने जाऊँगी। बाबा के आदर्शों पर चलकर , उनका नाम बढ़ाऊँगी। माता के संग रोज़ सुबह मैं , विद्यालय पढ़ने जाऊँगी। बाबा के आदर्शों पर चलकर , उ...
तार्किकता सहिष्णुता नैतिकता जब भी अभाव होता तब बनती "द कश्मीर फाइल्स।" तार्किकता सहिष्णुता नैतिकता जब भी अभाव होता तब बनती "द कश्मीर फाइल्स।"
नहीं हो तुम मेरे जीवन का हिस्सा और मुबारक हो तुम्हें ही तुम्हारी "आ"की मात्रा। नहीं हो तुम मेरे जीवन का हिस्सा और मुबारक हो तुम्हें ही तुम्हारी "आ"की मात्र...
प्रिया! मैं हमेशा के लिए तुम्हारी जिंदगी से जा रहा हूँ और साथ ले जा रहा हूँ। प्रिया! मैं हमेशा के लिए तुम्हारी जिंदगी से जा रहा हूँ और साथ ले जा रहा हूँ।
चौतरफा हंगामा होने पर भी कुछ न बिगडे़गा हमारा सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तान हमारा । चौतरफा हंगामा होने पर भी कुछ न बिगडे़गा हमारा सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तान...
अकाल मृत्यु गुरु 8वे हरिकृष्ण राय पश्चात। अकाल मृत्यु गुरु 8वे हरिकृष्ण राय पश्चात।
मार गिराई जालिमों ने मैं चंद उम्र की बेटी थी! मार गिराई जालिमों ने मैं चंद उम्र की बेटी थी!
भूखे-प्यासे और रोते बिलखते बच्चे, बीमार, तड़पते, मरते, बूढ़े माँ-बाप। भूखे-प्यासे और रोते बिलखते बच्चे, बीमार, तड़पते, मरते, बूढ़े माँ-बाप।
झकझोरोगे, चिल्लाओगे और तब पाओगें के आपकी जैसे सबने, एक घेरे में जीने की आदत डाल ली है झकझोरोगे, चिल्लाओगे और तब पाओगें के आपकी जैसे सबने, एक घेरे में जीने की आदत ...
ख़ुशियों का मौसम आया था, न ग़म का कहीं कोई साया था, बंजर हो चुके मेरे जीवन में, कहीं कोई गुलाब खि... ख़ुशियों का मौसम आया था, न ग़म का कहीं कोई साया था, बंजर हो चुके मेरे जीवन में...
माँ-बाप तो वो सूरज हैं जिसने खुद आग में जलकर, तेरे जीवन के हर अंधकार को धोया है। माँ-बाप तो वो सूरज हैं जिसने खुद आग में जलकर, तेरे जीवन के हर अंधकार को धोया ...
यह कविता देश में महिलाओं की स्थिति का वर्णन करती है। यह कविता देश में महिलाओं की स्थिति का वर्णन करती है।
भाग्य का लाभ भी उन्हीं को मिलेगा जिनका जुगाड़ होगा भाग्य का लाभ भी उन्हीं को मिलेगा जिनका जुगाड़ होगा