विवेक ओर संयम
विवेक ओर संयम
वक्त की बिसात पर ऊंट ने करवट बदली,
घोड़ों की टेढ़ी चाल से बाजी बिलकुल बदली,
जब हार बिलकुल निकट थी, समस्या बड़ी विकट थी,
उसी वक्त, प्यादो की सधी चाल,
हाथी का सामने से वार ओर वजीर की पैंतरेबाज़ी ने हार नहीं मानी,
चंद ही पलो में, दुश्मन की शह और मात कर डाली ।
खराब जो वक्त कभी आए, आते जाते विचार जब करवटें बदले,
कुंठा जो टेढ़ी राहों से गुजरने को मजबूर करे, जिंदगी हर तरफ से ठोकरों से घिरी हो,
सामने कोई भी विकल्प न हो, मत होना हताश, मत होना निराश,
संयम से चली हर चाल, सीधी सच्ची बात ओर विवेक से रुख देना बदल हर पैंतरेबाज़ी का,
ऐसे में उदास जीवन का रुख ही बदल जाएगा, तेरी हर हारी हुई बाजी को जीत में बदल जाएगा, बस रखना उस पर विश्वास, जिसने दिया श्रद्धा ओर सबूरी का वाच,
वक्त की हर बिसात पर मुसीबत से लड़ने का एक ही हथियार संयम ओर विवेक का इस्तेमाल।।
