वो बीते दिन लौट आयेगे!!
वो बीते दिन लौट आयेगे!!
एक सुबह होगी,
वह सुबह, होगी बहुत ही प्यारी,
जब लोगों के कंधों पर,
ऑक्सीजन सिलेंडर का बोझ नहीं,
चेहरे पर चोरो की तरह मास्क नही,
हंसी होगी,
दफ्तर का बैग तो कन्धो पर होगा ही,
वह बोझ नहीं,होगा,
घर की जिम्मेदारी से भरा होगा,
जो खुशीयो से सराबोर होगा,
गली में एंबुलेंस नहीं,
अलग अलग स्कूल की वैन होगी,
जो बच्चों से खचाखच भरी होगी,
मासूम किलकारी होगी,
किसी की भी आवाज,
दर्द से करहाती हुई, नहीं होगी,
और भीड़ दवाखानो पर नहीं
चाय की टपरी,
ओर चाट की दुकान पर होगी,
एक सुबह होगी,
जो खुशियो से भरी होगी,
जब पेपर के साथ दादाजी को
काढ़ा नहीं चाय और काफी, मिलेगी,
दादा, दादी बाहर निकल कर
बेखौफ पार्क में ठहाके लगाएंगे,
और माँ टेरेस पर नहीं मंदिर में
जल चढ़ाकर आएंगी,
एक सुबह होगी,
जब पक्षीं गुनगुनाऐगे,
जब हाथोंं में कैरम और लूडो नहीं
बैट बॉल और हॉकी स्टिक होगी,
मैदानों में सन्नाटा नहीं पसरा होगा,
बच्चो और बडो का शोर भरा होगा,
शहरों की सारी पाबंदियां हटेगी और
फिर से त्यौहार की खरीददारी का माहोल होगा,
एक सुबह होगी,
जो सन्नाटा नही प्यार लायेगी,
जब जी भर के सबको गले लगाएंगे,
कड़वी यादों को दफन कर फिर
सब जन मुस्कुराएंगे, और खिल- खिलायेगें,
और दुनिया को कह देंगे नजरे झुका लो,
हम दिलदार फिर से वापस आए हैं,
जितने संसार और यार आये है,
एक सुबह होगी,
जो मनहूंस नही, बहुत ही खुबसुरत होगी,
जो इसकी उसकी नही,
हम भारत वासियो की होगी
वो बीते दिन फिर लौट आयेगे
जिसमे हम फिर एक दूसरे के नजदीक आयेगें,
एक सुबह तो जरुर होगी।
