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nitin

Drama

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nitin

Drama

बातें

बातें

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डरी सहमी वो मेरी बाहों में आ गिरी,

एक पल बोली फिर चैन की साँस लेने लगी।

उसे उसकी मंज़िल मिल गई हो,

मुझे मेरी ज़िन्दगी मिल गई।


ना जाने अब तक क्यों छुपती थी,

ना जाने किस बात से डरती थी।

वो मेरी बाहों में सोने लगी,

ना जाने कितनी रातो की जागी हो।


क्यों वो भाग रही थी,

दूर देखा तो समाज की टोली आई है।

मैं उसे छुपा कर ले गया,

दो कदम पर ही मेरा घर आ गया।


वो पुरी रात सोती रही,

मैं उसे देखता रहा।

अचानक से उठ कर बैठ गई,

मुझे देखकर मेरे गले लग गई।


अब उसकी बातें खत्म नहीं हो रही थी,

इतने सालो की‌ बातें आज ही कर रही थी।

अब उसे कौन बताये वो यही है,

मैं उसका वो मेरी है।


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