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GAUTAM "रवि"

Abstract Drama Romance

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GAUTAM "रवि"

Abstract Drama Romance

"किस्मत"

"किस्मत"

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थोड़ा सा खुश होता हूँ तो

किस्मत को बुरा लग जाता है, 

आँखें बंद करूँ जब मैं ख्याल तेरा बस आता है,

जब भी सुनता हूँ प्यार के किस्से,


दिल कुछ घबरा सा जाता है, 

फिर तुझसे मिलने को जी चाहे,

फिर बांहों में तू भरले मुझको, 

फिर तेरे साथ गुजारूँ शाम,


फिर देखे तू सोते मुझको,

बस यूँ ही दिन ढलता जाता है।

कुछ यूँ फिर आता है चाँद फलक पर, 

'रवि' कहीं फिर छुपसा जाता है।


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