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GAUTAM "रवि"

Abstract Romance Others

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GAUTAM "रवि"

Abstract Romance Others

लिख दूँ

लिख दूँ

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अपनी सभी बातों का नया सा अंदाज लिख दूँ, 

जो तुम समझ सको तो मैं सारे ज़ज्बात लिख दूँ,


तुम अगर पढ़ने का वादा करो आँखों को मेरी,

मैं इन पलकों पर अपनी, सारे अधूरे ख्वाब लिख दूँ,


कुछ शोर, कुछ खामोशी, कुछ किस्से, कुछ बातें,

जो दबे हुए हैं दिल में, वो सारे अल्फाज़ लिख दूँ, 


तड़प दिल की, भूली बिसरी तुम्हारी यादें सभी,

इतनी है कशिश कि मैं दिन को भी रात लिख दूँ, 


बदल गए हो तुम तो बदलते वक़्त के साथ,

जो ना बदल सके कभी वो अपने हालात लिख दूँ,


कितने छुपे हैं सवाल इन भरी आँखों में तुम्हारी,

तुम कहो अगर, होठों से अपने सारे जवाब लिख दूँ,


नशा बहुत है तेरी यादों का अब तलक मुझे,

तुम कहो अगर तो पानी को भी शराब लिख दूँ,


कितने सपने, कितने ख्वाब, जो टूट गए हैं सब,

फुर्सत मिले कभी तो मैं उनका हिसाब लिख दूँ।।


सिमट जाओगी तुम फिर से आकर बाहों में मेरी,

जो मैं फिर से मोहब्बत का अपनी अंदाज लिख दूँ।


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