"ख्याल"
"ख्याल"
अल्हड़ जवानी के वो हिस्से याद आते हैं,
मुझे तेरी मोहब्बत के किस्से याद आते हैं,
चले जाते हैं सब साथ फ़िर यूँ ही छोड़कर,
एक हम हैं, सबके चले जाने के बाद जाते हैं,
महकती हैं शामें जब भी ख्याल आता है तेरा,
पर मुझे हर शाम बस ख्याल तेरे आते हैं,
बहुत कुछ है यूँ तो तुमको बताना,
खुद को भी हम कहाँ हाल अपना बता पाते हैं।