STORYMIRROR

Jyoti Verma

Abstract

3  

Jyoti Verma

Abstract

हम आपके ऋणि है

हम आपके ऋणि है

1 min
240

हम आपके ऋणी हैँ 

कि आपसे ही तो 

ये दुनिया हसीं हैँ 

आपने हमको चलना सिखाया 

गिर के उठना और उठ के 

फिर से चलना ऐसा होँसला 

हमने आप ही से तो है पाया 

हम आपके ऋणी हैँ 

कि आपसे ही तो ....

अपने हमको हँसने सिखाया 

रो के हँसना  और हँसते-हँसते

जीवन में आगे बढ़ते  जाना 

ऐसा साहस हमने 

आप ही से तो है पाया 

हम आपके ऋणी है

आपने ही तो धैर्य रखना सिखाया 

जीवन मे कैसे भी हो रास्ते 

तंग गलियां या अंधेरे कुएं

बस रौशनी का दामन थामे

जीत को है गले लगाना

ऐसा  वर्चस्व हमने आप से ही तो है पाया

हम आपके ऋणी है

आपने हमे अनुशासन बताया

नियमो मे रहके जीवन-यापन करना सिखाया

ऐसी अनवरत नियमबद्ध को हमने

आप से ही तो है पाया

हम आपके ऋणी हैँ 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract