दुनिया मुट्ठी मे
दुनिया मुट्ठी मे
इक आंगन मे पले बढ़े
खेले कूदे
पर, किस्मत के धागे
सबके अपने अपने
कोई डाक्टर, कोई इंजीनियर
तो कोई सफाई कर्मचारी भी बने
सबसे मिलके चली दुनिया की गाड़ी
एक भी हिलता तो डगमगाती गाड़ी
सब मिल जो चलते साथ
दुनिया मुट्ठी में होने का होता एहसास।