मेरी सच्ची मित्र
मेरी सच्ची मित्र
ऐसी है वो वस्तु जो हमको ज्ञान कराती हैं,
कैसे जीना कैसे रहना सबका ज्ञान कराती है,
दुनिया में है जितना ज्ञान हमको सब सिखाती हैं,
कितनी अच्छी कितनी बुरी बात सब हमें बताती हैं,
जीवन के रहस्य को हमको हो बताती हैं,
कितना भी हो कठिन सवाल उत्तर वह बताती हैं,
ना ही मुख है ना ही कान फिर भी बोलती सुनती है,
उसका ज्ञान पाकर मनुष्य हो गया महान,
ऊंचे पद पर हमें पहुंचाती है ,
उसके बिना जीवन में कुछ ना कर पाते हैं ,
अगर बैठे हैं खाली समय हमारा बिताती हैं,
नई कहानी, नई पहेली,
नई कविता हमको सिखाती हैं
कभी नहीं धोखा देती नहीं साथ छोड़ती है,
सच्ची सहेली वो है मेरी,
जिसकी कर रही हूं मैं बात ,
है वह मेरी किताब|
