बेटी
बेटी
बेटी होती है प्यारी प्यारी,
सुन्दर सी राज दुलारी,
मां की आंखों की तारा,
पापा की राजकुमारी,
नन्हे नन्हे पैरों से,
घर के आँगन को बुहारे,
अपनी मधुर मुस्कान से,
मौसम में रंग लाये,
अपनी हंसी से सबको खुश कर जाये,
मीठी मीठी बातों से मन खुश कर जाये,
ऐसी डोरी होती है बेटी,
जो एक डोर में कई रिश्ते की मोती पिरो जाये,
संभाल के रखके रिशते को,
जब बेटी से बहू, मां बन जाये,
वो नन्ही सी परी जिम्मेदार बन जाये,
अपना फर्ज ईमानदारी से निभाये।
