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Jyoti Verma

Abstract

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Jyoti Verma

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एक प्रश्न स्वयं से

एक प्रश्न स्वयं से

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माज़ी के झरोखों से मैं क्यूँ झांका करूँ ?

जब जीना आज मे है 

तो क्यूँ न आज के पलों से 

कल का  सुनहरा इतिहास लिखा करूँ !



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