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Jyoti Verma

Abstract

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Jyoti Verma

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घर

घर

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घर किसी एक से नहीं होता 

तिनका तिनका जोड़ के घरोंदा बनता है !

मां जो होती वसुंधरा तो पिता भी आकाश है 

बहन से सजती महफ़िल तो भाई से होती रौशन वो 

बेटी जो है शान तो बेटा भी तो मान सम्मान है 

घर किसी एक से नहीं होता 

तिनका तिनका जोड़ के घरोंदा बनता है।


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