चांद की उदारता
चांद की उदारता
रोशन किया चांद ने जहाँ,
अजब है इसकी बात,
दीया ना बाती चांदनी दे सारी रात ,
शीत किरणों की निराली बात,
घर घर जले दीया बाती,
फिर भी अंधेरा रह जाए,
जब निकले चंदा मामा सारा जग जगमगाये,
खुद जागकर दुनिया का पहला लगाएं,
अपने उजाले से जग को चमकाए ,
अपने गुणों से दूसरे के जीवन को महकाए ,
चंदा मामा हम को सिखाएं।
