उम्मीद
उम्मीद
मानव भगवान की सबसे अद्भुत कृति है
एक ही ढाँचा पर सब की अलग वृत्ति है।
कहीं कोई समानता न दिखाई देती
आगे- आगे बढ़ने की दौड़ दिखाई देती।
यह दौड़ कहाँ ले जाएगी सब अनजान
इच्छाओं पर काबू कैसे हो सभी परेशान।
शुक्रिया खुदा जो उम्मीद की लो जगा दी
थके हारे इंसान को नई राह दिखा दी।
उम्मीद पर दुनिया टिकी है सो श्रम कर
मंजिल मिल जाएगी खुद पर विश्वास कर।
दूसरे से न उम्मीद रख न हौड़ किसी से कर
स्व सत्कर्मों से आगे बढ़ने का प्रयास कर।
हिम्मत गर हारोगे तो मिलेगी हार ही हार
उम्मीद का दामन थामोगे मिलेगा जीत का उपहार।
