इम्तिहान
इम्तिहान
कुछ खास नहीं है ज़िन्दगी
कोई राज नहीं है ज़िन्दगी
कोई अपने का इम्तिहान लेना
ऐसा कोई खेल नहीं है ज़िन्दगी,
अच्छी भली पहचान है ज़िन्दगी
हरियाली की हरी घास हैं ज़िन्दगी
खुशी मिलती है जिस तरह खुद को
उसी खुशी का राज है ज़िन्दगी,
कहलाते जो खास है,
वो ही अपने पास है
पास रहकर भी वो हम पर
नहीं करते विश्वास,
उतने नमक-हलाल और
बड़े बकवास है
जिन्दगी मैं साथ रहके
वह करते हमें बदनाम है,
ना जाने कैसा जुआ है ये जिन्दगी
जो जित गया यह जुआ
उसके लिए खास है यह जिन्दगी
हार गया जो यह जुआ
उसके लिए मौत का कुआ हे ये जिन्दगी,
वैसे तो कोई खेल नहीं है ज़िन्दगी
जियो इस तरह की
तुम पर नाज करे ये जिन्दगी।