"तनहाई"
"तनहाई"
थम सा गया वक्त
हुआ कुछ ना उस वक्त,
प्यार मैने किया बहुत सा
फिर भी कुछ ना मिला उस वक्त,
ठहरा है समय जैसे
हुआ कुछ ना उस वक्त,
मिला ना अगर कुछ
खुद से खफा हुई मैं उस वक्त,
क्योंकि
हो गई हूँ मैं उसकी
हूई ना मैं पराई,
कहा पर चली गई
खुद की वो परछाई,
हो गई हूँ मैं उसकी
मगर
उसके लिए हूई मैं पराई
न जाने कैसे कटेंगी ये
मेरी तनहाई