मेरे देश की मिट्टी
मेरे देश की मिट्टी
चन्दन जैसी मादकता है
मेरे देश की माटी में
चन्दा जैसी शीतलता है
मेरे देश की माटी में
रोम रोम तक पगा हुआ है
देश प्रेम जगा हुआ है
फूलो जैसी सुन्दरता है
मेरे देश की माटी में
गंगा जैसी पावनता है
यमुना की सी सरलता है
मेरे देश की माटी में
रक्षा की सौगंध है मुझको
हौसले बुलन्द है तुझको
भगत सिंह की हुकांर भी है
शेखर का सिहंनाद भी
गंगा जैसी पावनता भी है
मेरे देश की माटी में
सत्यम, शिवम, सुन्दरम की
मिसाल है
ह्रदय हिमालय सा विशाल है
बसती है हर दिशा में
किसी बांसुरी की धुन
गीता का उपदेश कही पर
कही वेद मन्त्रो का गुजंन
मेरे देश की माटी में
सरहदो पर लाखो आंखे
बस दुश्मन पर अड़ी है
देश मेरा देश तेरा
देश की माटी बड़ी है।
