STORYMIRROR

अपर्णा गुप्ता

Abstract

3  

अपर्णा गुप्ता

Abstract

मेरा मौन

मेरा मौन

1 min
175


मुझे मेरे मौन से जानना

मुझे मेरे मौन से पहचानना

मैने जो कुछ शब्दों में नही कहा 

उससे ज्यादा मौन में कहा है


मौन मे छुपे दो आखर

जिस दिन सुन लोगे

बस उस दिन तुम मुझे चुन लोगे

मुझे मेरे मौन से जानना

मुझे मेरे मौन से पहचानना


मेरे मौन में छुपी बंसी की धुन  

मेरा मौन है जैसे कोई राम धुन

ये गुनना तुम्हे मन ही मन

ये चुनना तुम्हे मन ही मन


मेरा ये मौन तुम जिस दिन

सुन लोगे बस मुझे चुन लोगे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract