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अपर्णा गुप्ता

Abstract

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अपर्णा गुप्ता

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मेरा मौन

मेरा मौन

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मुझे मेरे मौन से जानना

मुझे मेरे मौन से पहचानना

मैने जो कुछ शब्दों में नही कहा 

उससे ज्यादा मौन में कहा है


मौन मे छुपे दो आखर

जिस दिन सुन लोगे

बस उस दिन तुम मुझे चुन लोगे

मुझे मेरे मौन से जानना

मुझे मेरे मौन से पहचानना


मेरे मौन में छुपी बंसी की धुन  

मेरा मौन है जैसे कोई राम धुन

ये गुनना तुम्हे मन ही मन

ये चुनना तुम्हे मन ही मन


मेरा ये मौन तुम जिस दिन

सुन लोगे बस मुझे चुन लोगे।


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