एक सोच
एक सोच
जिन्दगी को जिन्दगी से मिला दे
आज मिल और हर गम भुला दे
ना तू करे कोई भी गिला मुझसे
आ मुझे फिर तू गले से लगा ले
न हम रखे किसी पल का हिसाब
तेरे आगोश में दुनिया को भुला दे
कल का ना यकीं मिले ना मिले
आज मिलकर इक घर बसा ले
मौत करे दूर इससे पहले ए दोस्त
जिन्दगी को हम मुहब्बत बना दे।

