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Nidhi Kaushik

Abstract

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Nidhi Kaushik

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लड़के नादान नहीं होते

लड़के नादान नहीं होते

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 लड़के रोते नहीं, लड़के शर्माते नहीं,

लड़कों को यह सब हम ही तो सिखाते हैं। 

और फिर शिकायत भी हमें ही रहती है,

कि वो पत्थर दिल बन जाते हैं। 

बर्दाश्त करते हैं हर मुश्किल,

फिर भी ज़माने से जैसे तैसे

अपना दर्द बस छुपाते हैं। 

नाजुक से होते हैं,

आंसू नहीं आते तो क्या हुआ,

महसूस तो वो हमसे भी ज्यादा कर जाते हैं। 

लगता है कभी-कभी की परवाह नहीं करते,

पर कितनी ही बार बस

हमारी खुशी के लिए मुस्कुराते हैं। 

हम और वो जब दोनों ही एहसासों से बने हैं

तो कैसे उनको सख्त और

खुद को हम नरम बताते हैं

हमारी उम्मीद ही वह सांचा है,

जिससे वो हर आकार में ढल जाते हैं। 

अगर हम नाजुक हैं,

तो क्या सोचा है कभी कि हमसे

जन्म पाकर वह कठोर कैसे बन जाते हैं। 


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