Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Goldi Mishra

Drama Inspirational

4  

Goldi Mishra

Drama Inspirational

एक नई शुरुआत

एक नई शुरुआत

1 min
221



उस रोज़ लगा जिंदगी थम सी गई,

थोड़ा सा बिखरी फिर संभल गई।।

कानूनी कागज़ात मेरे सामने थे,

हमारे वो साथ बिताए पल और

हमारा रिश्ता दोनों बिखरने वाले थे,

वो इन कागज़ पर दस्तखत कर चुके थे,

ऐसा लगा मानो एक नई शुरुआत की ओर

वो बढ़ चुके थे।।

उस रोज़ लगा जिंदगी थम सी गई,

थोड़ा सा बिखरी फिर संभल गई।।


ना जाने रिश्तों में दूरियां कब आ गई,

आखिर क्यूं इस मोड़ पर ज़िंदगी आ गई,

शायद अब आगे बढ़ना ही जिंदगी का फैसला है,

इस रिश्ते से अलग होना ही मेरी नियति का फैसला है।।

उस रोज़ लगा जिंदगी थम सी गई,

थोड़ा सा बिखरी फिर संभल गई।।

सब पुरानी यादें मैंने एक बक्से में बंद कर दी,

अपनी जिंदगी को मैंने एक नई उड़ान दे दी,

जिंदगी ने मेरी एक रोज़ मुझसे कहा था,

आखिर क्यूं इन जुल्फ़ों को बांध रखा था।।

उस रोज़ लगा जिंदगी थम सी गई,

थोड़ा सा बिखरी फिर संभल गई।।

अपनी जुल्फें बिखेर कर मैंने भी

आज़ादी का पैगाम जारी किया,

खुद को उन गलियों उस शहर से मैंने दूर कर लिया,

खुद को और मजबूत बना लिया,

मेरी जिंदगी ने मुझे खुद से इश्क करना सीखा दिया।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama