आरजू
आरजू
अब मौत भी आए
तो कोई गम नहीं
कुछ पलों में ही
जिंदगी जी ली हमने
आरजू तेरे गली के सिवा
कोई और थी ही नहीं
खोला दरवाजा जो तुमने
जन्नत भी पा ली हमने यहीं
अब जब तलक ये
साँसें रुक जाती नहीं
दिल के पनाह में
यूं ही रहने दे हमें
दुआ तेरे चाहत के सिवा
दूजी और कोई की नहीं
मांगा प्यार जो तुमने तो
ख़ुदा का साथ मिल गया हमें।