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Rahul Desai

Abstract Drama Inspirational

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Rahul Desai

Abstract Drama Inspirational

मेरा देश जानना चाहता है।

मेरा देश जानना चाहता है।

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मेरा देश जानना चाहता है,

आज़ादी के बाद भी,

क्यों गुलाम आज हर नागरिक है?

इतनी सुख सुविधा के बाद भी,

क्यों बिकता ईमान है?


मेरा देश जानना चाहता है,

संविधान में सर्व धर्म समान है,

फिर किस बात के दंगे है?

प्रजातंत्र के नाम पर,

क्यों होता राजतंत्र है?


मेरा देश जानना चाहता है,

हर मतदान का एक ही नारा,

फिर क्यों मिट नहीं रही गरीबी है?

अभिव्यक्ति की आज़ादी है,

पर किसके कंधों पर इसकी ज़िम्मेदारी है?


मेरा देश जानना चाहता है

अखंड ये भूमि है,

फिर क्यों इसके टुकड़े चाहते है?

जब सबका समान अधिकार है,

फिर क्यों जाती के नाम पर हाहाकार है?


मेरा देश जानना चाहता है,

जब सबसे प्यारा तिरंगा है,

फिर क्यों उसके साथ दिखावा किया जाता है?

जब सैनिक देश का रक्षक है,

फिर क्यों उसपे सवाल किया जाता है?


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