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Rahul Desai

Abstract Others

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Rahul Desai

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कृष्ण और आइना..!!

कृष्ण और आइना..!!

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आइना देखा कृष्ण ने और

कृष्ण को उदास पाया,

इस सोने की नगरी में,

कहीं खो गया है गायों का वो चरवैया। (१)


आइना देखा कृष्ण ने और

कृष्ण को उदास पाया,

कितनी सुनी हो गई वो गोपियां,

जिनके संग मैंने था रास रचाया। (२)


आइना देखा कृष्ण ने और

कृष्ण को उदास पाया,

खारे इस दरिया के नीर के लिए,

मैंने मीठे जमुना के नीर को खोया। (३)


आइना देखा कृष्ण ने और

कृष्ण को उदास पाया,

वो सुंदर समय कहीं खो गया,

जमुना तट पर जो संग राधा था बिताया (४)


आइना देखा कृष्ण ने और

कृष्ण को उदास पाया,

शंखों की इस नाद के बीच मुरली की याद में खोया,

जिस की धुन से पूरे व्रज को था मग्न किया। (५)


आइना देखा कृष्ण ने और

कृष्ण को उदास पाया,

सोने के इस महल में ,

आज उसने खुदको अकेला पाया।(६)


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