हम है हिंदुस्तानी
हम है हिंदुस्तानी
हम उजड़े चमन में भी आशियाने बनाते जाते हैं
काँटों से भरी राहों में भी रास्ते बनाते जाते हैं
सब हरे भरे दुनिया में ही मंजिल ढूंढते हैं -२
हम पतझड़ में भी फूल खिलाते जाते हैं
सभी अपनों को भी पराया बना देते हैं -2
हम गैरो को भी अपना बनाते जाते हैं
आज मोहब्बत की अहमियत को कोई नहीं समझता -२
हम वतन और हुश्न से भी इश्क निभाते जाते हैं
लोग उजाले में ही रौशनी ढूंढते हैं -२
हम अंधेरो में भी दीपक जलाते जाते हैं
दोस्ती एक विश्वास फरेब हैं या धोखा, नहीं पता -२
हम तो बस प्यार में जान लुटाते जाते हैं
हमें क्या पता ये दुनिया कैसी हैं मेरे रब्बा -२
हम तो सिर्फ सबको गले लगाते जाते हैं
जिंदगी के सफर में हर मोड़ पर जख्म मिला हैं मुझे -२
फिर भी हम सबके गमो पर मरहम लगाते जाते हैं
हमारी काबिलियत को देखकर जलती हैं ये दुनिया -२
लेकिन हम वो हिंदुस्तानी हैं जो सबको राहे दिखाते जाते हैं।