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Sumit Mandhana

Abstract Drama Tragedy

4.5  

Sumit Mandhana

Abstract Drama Tragedy

तुम किसान नही हो सकते !

तुम किसान नही हो सकते !

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किसान विध्वंसक नहीं होता, 

वह तो सर्जन हार होता है। 


लोगों के लिए अन्न उपजाकर, 

खुद भूखा ही सोता है।। 


तुम किसान नहीं हो सकते, 

तबाही करने वाले कौन हो ? 


कल तक बहुत चिल्ला रहे थे, 

फिर अब क्यों तुम मौन हो ?


जिसने तिरंगे का अपमान किया, 

वह कभी ना बख्शा जाएगा। 


पुलिस पर हाथ उठाने वाला, 

घोर सजा अब पाएगा ! 


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