STORYMIRROR

Sumit Mandhana

Abstract Drama Tragedy

4.5  

Sumit Mandhana

Abstract Drama Tragedy

तुम किसान नही हो सकते !

तुम किसान नही हो सकते !

1 min
234


किसान विध्वंसक नहीं होता, 

वह तो सर्जन हार होता है। 


लोगों के लिए अन्न उपजाकर, 

खुद भूखा ही सोता है।। 


तुम किसान नहीं हो सकते, 

तबाही करने वाले कौन हो ? 


कल तक बहुत चिल्ला रहे थे, 

फिर अब क्यों तुम मौन हो ?


जिसने तिरंगे का अपमान किया, 

वह कभी ना बख्शा जाएगा। 


पुलिस पर हाथ उठाने वाला, 

घोर सजा अब पाएगा ! 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract