नम्रता
नम्रता
दूसरों को नाराज़ होने
का आप अवसर कभी
नहीं दीजिये, यदि फिर
भी वह आपसे नाराज़ हो,
तो उसे सही समय सही
उसका वक़्त आने
पर अवसर दीजिये,
आप स्वयं नम्रता से
बोलकर उसे नम्र कीजिये,
वह आपके लिए शर्मिंदा
हो जाये, ऐसा उसे भी
आप सही समय आने पर
उसका सही वक़्त का
आप इंतज़ार कीजिये!