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Premdas Vasu Surekha 'सद्कवि'

Drama Inspirational

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Premdas Vasu Surekha 'सद्कवि'

Drama Inspirational

आटा दाल भाव

आटा दाल भाव

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जब दो जून की रोटी का

संकट बड़ा ही भारी था

फिर युद्ध हुआ तब आपस में

यह बहरूपिये का शासन था

आपस में फिर भी ऐसे लड़ते

जैसे हो जन्मो के जानी दुश्मन

फिर क्या था मेरे दोस्तों

मानवता हो गई नग्न

लोग हो गई मग्न

सरोकार हो गए हनन

जीवन हो गया नयन

और नेताओं का चयन



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