मै वसुकार सद्कवि हूं मानवता का बस.... मानवता को प्रतिष्ठित करना ही मेरे जीवन का ध्येय है। *** प्रेमदास वसु सुरेखा ***
मैं खुद को नहीं पाता हूं पता नहीं इस व्यापकता की व्यापकता मैं कहां खो जाता हूं मैं खुद को नहीं पाता हूं पता नहीं इस व्यापकता की व्यापकता मैं कहां खो जात...
उसे जोतिबा कहते हैं ऐसे दिव्य आत्मा को मेरा प्रणाम है ........... उसे जोतिबा कहते हैं ऐसे दिव्य आत्मा को मेरा प्रणाम है ...........
मन भावन जीवन होता है ये ह्रदयंगम ही प्यार है। मन भावन जीवन होता है ये ह्रदयंगम ही प्यार है।
कब तक आवाज दबाओगे वह दबती नहीं उठती है। कब तक आवाज दबाओगे वह दबती नहीं उठती है।
प्यार प्रेम रिश्ते नाते धर्म में जिंदा बिक जाते हैं प्यार प्रेम रिश्ते नाते धर्म में जिंदा बिक जाते हैं
शक्ति जब तुम बन जाओगी बाधाओं का भूचाल फूट जाएगा। शक्ति जब तुम बन जाओगी बाधाओं का भूचाल फूट जाएगा।
वक्त की दरिया में हम खुद ही मजबूर हुए। वक्त की दरिया में हम खुद ही मजबूर हुए।
सब लुट गया, बिक गया, सब लुट गया, बिक गया,
मैं पूजूँ अपने ही पति को तुम क्यों नहीं पूजन करती हो मैं पूजूँ अपने ही पति को तुम क्यों नहीं पूजन करती हो
गायब गायब सब है गायब यही देश का हाल है। गायब गायब सब है गायब यही देश का हाल है।