प्रेम(Prompt 19)
प्रेम(Prompt 19)
प्रेम का सही और सटीक अर्थ बलिदान
प्रेम में ना करना कोई धोखा तू इंसान।
प्रेम नहीं चाहता बरबादी
प्रेम चाहता है आजादी।
प्रेम चाहे तो कर दे जीवन में उजियारा
बिन प्रेम लागे हर ओर अंधियारा।
प्रेम का साथ पाकर दुनिया रंगों सी सजती
बिन प्रेम तो चारों तरफ नफरत ही बसती।
प्रेम में है शक्ति ऐसी अपार
खोल देता है नये-नये द्वार।
प्रेम के संग ना कोई मिलावट करो
कभी किसी का मन ना आहत करो।
प्रेम का पंख लगाकर उड़ जाऊँ
हाथ किसी के मैं ना आऊँ।
सच्चा प्रेम सदा ही सुख की अनुभूति प्रदान करता
निश्छल भावना बन हृदय के कण-कण में बसता।