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Sonam Kewat

Tragedy

4  

Sonam Kewat

Tragedy

बहुत देर कर दिया

बहुत देर कर दिया

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200

पांच साल हो गए हैं तुमसे मिलकर

इस बार एक नया तोहफा लाया था 

सोचा था तुम दिल थाम कर इंतजार करोगी

तभी तो मैं दिल देने आया था 


सोचा था तुम मुझे देखकर गले लगाओगी

और मैं तुम्हें वादियों की सैर कराऊंगा 

तुम पहले की तरह घुमने की शौकीन और

मैं तुम्हें हर जगह खुद ही घुमाऊंगा


जाने क्या क्या सपने लाया था आते वक्त 

पता नहीं था तुम्हें गैर की बाहों में पाऊंगा

क्या करूँ अब बेवजह सपनों को सजाकर

अब तो बस खाली हाथ लौटकर जाऊंगा 


पिछली बार भी कुछ बताया नहीं था तुम्हें 

चलो अब इस बार भी कुछ नहीं बताऊंगा 

तुम खुश रहो अपनी जिंदगी में जैसे भी हो 

शायद फिर से मैं मिलने नहीं आऊंगा 


बहुत देर कर दिया दिल की बात बताने में

जाने कैसे इस दिल को संभालूंगा

बहुत करीब आया था तुम्हारी जिंदगी में पर 

अब तो उतना ही दूर चला जाऊंगा


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