बहुत देर कर दिया
बहुत देर कर दिया
पांच साल हो गए हैं तुमसे मिलकर
इस बार एक नया तोहफा लाया था
सोचा था तुम दिल थाम कर इंतजार करोगी
तभी तो मैं दिल देने आया था
सोचा था तुम मुझे देखकर गले लगाओगी
और मैं तुम्हें वादियों की सैर कराऊंगा
तुम पहले की तरह घुमने की शौकीन और
मैं तुम्हें हर जगह खुद ही घुमाऊंगा
जाने क्या क्या सपने लाया था आते वक्त
पता नहीं था तुम्हें गैर की बाहों में पाऊंगा
क्या करूँ अब बेवजह सपनों को सजाकर
अब तो बस खाली हाथ लौटकर जाऊंगा
पिछली बार भी कुछ बताया नहीं था तुम्हें
चलो अब इस बार भी कुछ नहीं बताऊंगा
तुम खुश रहो अपनी जिंदगी में जैसे भी हो
शायद फिर से मैं मिलने नहीं आऊंगा
बहुत देर कर दिया दिल की बात बताने में
जाने कैसे इस दिल को संभालूंगा
बहुत करीब आया था तुम्हारी जिंदगी में पर
अब तो उतना ही दूर चला जाऊंगा