STORYMIRROR

Pinky Dubey

Abstract Classics

4  

Pinky Dubey

Abstract Classics

चिड़िया रानी

चिड़िया रानी

1 min
387

चिड़िया रानी चिड़िया रानी

तुम हो पेड़ों की महारानी

सुबह सब से पेहले हो उटती

सब को तुम हो जगाती


ना जाने क्या वो गाती

ईधर उधर हो उड़ती

दाना चुनकर

अपने बच्चों के लिए हो लाती

शाम तक हो गुमती


रात को अपने घर पर है जाती

चु चु कर सबको सुनाती गाना

चिड़िया रानी चिड़िया रानी

तुम हो पेड़ों की महारानी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract