जिंदगी की निश्चल,निस्वार्थ मुस्कुराती सेल्फी ले लेता है बचपन, जिंदगी की निश्चल,निस्वार्थ मुस्कुराती सेल्फी ले लेता है बचपन,
उसके आने के लिए कितने दिन और बचे हैं कोई नहीं जानता। उसके आने के लिए कितने दिन और बचे हैं कोई नहीं जानता।
जिंदगी पूरी होने से पहले वही रवाना हो गए। जिंदगी पूरी होने से पहले वही रवाना हो गए।
कभी कभी जिंदगी में ऐसा मुकाम भी आता है जब कभी राह चलता शख्स भी हमे अपना बना नजर आता है कभी कभी जिंदगी में ऐसा मुकाम भी आता है जब कभी राह चलता शख्स भी हमे अपना बना न...
'रोज सुबह एक नई अंगड़ाई लेती, अपने दरारों की फिक्र किये बिना, उनके साथ चुपचाप हो लेती थी, मेरे दादा ... 'रोज सुबह एक नई अंगड़ाई लेती, अपने दरारों की फिक्र किये बिना, उनके साथ चुपचाप हो...
चप्पल पहनो तो, कंकर कांटों से बचाती, नाज़ुक पैरों को आराम दिलाती, चप्पल पहनो तो, कंकर कांटों से बचाती, नाज़ुक पैरों को आराम दिलाती,