धूम्रपान निषेध है
धूम्रपान निषेध है
जय-जय बीड़ी भवानी,
प्रबल धूम्रकारी।
हुक्का हैं पितु तुम्हार,
बड़ा बंधु हैं सिगार,
भगनी सिगरेट और,
चिलम सी महतारी।
जय जय------------
तुमसे जो चित लगाए,
रात दिना कफ गिराए,
खांस-खांस घर गंधाते,
नाक बहे न्यारी।
जय जय-------------
तुमसे जो प्रेम करें,
डॉक्टर की जेब भरें,
रात भर जागरण,
घर की रखवारी।
जय जय-----------
हमरी जा सीख सुनों,
मन में न और गुनो,
धूम्रपान करहो तो,
मौत की तैयारी।
जय-जय बीड़ी भवानी,
प्रबल धूम्रकारी।।