मैली गंगा मैया को ... पुनः भगीरथ सा अवतार चाहिए! मैली गंगा मैया को ... पुनः भगीरथ सा अवतार चाहिए!
जीवन के संघर्षों में आगे बढ़ते हुए अपनी मंजिल पानी होगी। जीवन के संघर्षों में आगे बढ़ते हुए अपनी मंजिल पानी होगी।
क्या पाऊंगा मैं क्या दिल खोएगा? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। क्या पाऊंगा मैं क्या दिल खोएगा? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
तुम रहते थे, अपनों से घिरे हुए मेरे पापा, तुम तो कमाल थे। तुम रहते थे, अपनों से घिरे हुए मेरे पापा, तुम तो कमाल थे।
मंज़िल ढूढ़ना आसान है, उसे पाना बहुत मुश्किल है। मंज़िल ढूढ़ना आसान है, उसे पाना बहुत मुश्किल है।
प्रिये तुम्हारे लिए शब्द काफ़ी नहीं हैं ! प्रिये तुम्हारे लिए शब्द काफ़ी नहीं हैं !