गंगा मैया की पुकार
गंगा मैया की पुकार
मैली गंगा मैया को ...
पुनः भगीरथ सा अवतार चाहिए!
पुकारती है गंगा मैया...
मुझे प्रदूषण से मुक्ति और उद्धार चाहिए"
आज इस कलयुग मे देखो
पापियों के ,पाप को
वरण करते अमृत का
और ....माँ को देते शाप जो ..
आज उन पापियों के लिए
दंड और कारागार चाहिए !
कहाँ गए वे भक्त
जो गंगा माँ की महिमा हैं गाते !
कहाँ गए वे भक्त ?
जो गंगा माँ की जय जयकार लगाते !
आज उन भक्तों से ...
माँ को स्वछता का उपहार चाहिए !
अमृत की जो खान है देती जो वरदान है !
भारत की जो गरिमा है देश की जो शान है !
आज उसको पुनः पावन सा इन्सान चाहिए !!
मैली गंगा मैया को ...
पुनः भगीरथ सा अवतार चाहिए !!
