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Avneet kaur

Others

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Avneet kaur

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सवाल

सवाल

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मंज़िल ढूढ़ना आसान है, 

उसे पाना बहुत मुश्किल है।

दोस्ती करना बहुत आसान हैं,

पर उसे निभाना बहुत मुश्किल हैं।


पांच दोस्त थे एक बार,

तीन रह गए दो छोड़ कर चले गए,

क्यों की थी फिर उन्होंने हमारे साथ दोस्ती,

यह सवाल क्या मेरे मन ही आया था,

क्या उन सभी के मन में भी रह गए?


साथ बिताए थे खुशी के वो पल,

सिर्फ मेरे मन में ही हलचल करते हैं,

क्या उन सभी को भी बेचैन करते हैं?

जिस दिन मिलेंगे यह सवाल पूछना क्या ठीक होगा,

इस उलझन में ही में रह गई।


ज़िन्दगी हैं मेरे दोस्त ,

जिनके बारे में हम सोचते हैं,

क्या वो भी मेरे बारे में इतना सोचते हैं,

इस कश्मकश में रह गई।


जिस तरह समुन्दर का पानी एक जग़ह नहीं रुकता, 

उसी तरह में भी सब कुछ छोड़ कर आगे बढ़ गई,

सोचती थी तो क्या मैंने सही किया या नहीं।


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