जाम
जाम
हम इश्क़ का सबक सीख रहे थे
उनके हाथों से जाम पी रहे थे
शराब का तो नशा नहीं हो रहा था
पर उनकी कातिल निगाहों से
मदहोश हो रहे थे
हम आज खुदा से दुआ कर रहे थे
इबादत कर उन्हें किस्मत में लिखवा रहे थे
क्या वो जानते हैं
हम उनको कितनी शिद्दत से चाह रहे थे
हम उनको प्यार का एहसास करा चुके थे
जब हम उनके साथ ज़िन्दगी का साथ निभा रहे थे
आज फिर हम उस शख्स के बारे में लिख बैठे
जिसको हम भुलाना चाह रहे थे!