लम्हें ज़िन्दगी के
लम्हें ज़िन्दगी के
लम्हे ज़िन्दगी के जो साथ बिताए हमने
फिर से एक बार उन्हें याद कर ले
उन भीगी भीगी यादों को फिर से
दिलों में, एहसासों में, जज्बातों में भर लें
कितने मौसम आए और चले गए
वो लम्हें, वो बातें हमारा दामन भर गए
सागर की गहराई से भी गहरा अपना प्यार
फिर जुदाई दे गया तू मेरे दिल को हर बार
तेरा ख्याल आता है जब दिल से
लम्हें जिन्दगी के छा जाते है नजर में
कैसी उलझन है कैसी तड़पन है
तेरा बिना जीना जैसे खालीपन है

