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निशा सैनी

Tragedy

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निशा सैनी

Tragedy

मुद्दत से जानता ही नहीं मुझे

मुद्दत से जानता ही नहीं मुझे

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वो तो मुद्दत से जानता ही नहीं मुझे

हमने भी उसको अंदाज़ ए बयां करना छोड़ दिया है


जब से वो समुंदर पार गया

तब से दिल ने भी तड़पना छोड़ दिया है


हो जाएगा हमारा भी कद बड़ा

ये सोचकर हमने भी ऊचाई पर चलना छोड़ दिया है


मै हूं बेकल मगर सुकून से हूं

उसकी गलियों में भी अब जाना छोड़ दिया है


जब आइना टूटा तो टुकड़ों में

हमने भी संवारना छोड़ दिया है।


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