मासूमियत
मासूमियत
मासूमियत थी उसके चेहरे पर
आँखों में सुकून था
ढूँढती थी उसके साथ को
पर वो हर वक्त ही मशरूफ था
हम चाय की प्याली पर उसका इंतज़ार करते रहे
पर वो शराब पीने के लिए मशहूर था
बदनाम तो हम हुए थे उनकी मोहब्बत में
उनको इसी बात पर तो गुरूर था
वो तो आज भी हमारी चाहत हैं
पर उनकी ज़िंदगी में
कल हम थे, आज कोई और था!