अंधों में काने राजा==========
अंधों में काने राजा==========
करके फौज खड़ी चमचों की,
बनते भैया शहंशाह।
अंधों में काने राजा बन,
देते हैं मूछों पे ताव।
हाथी पे कूकर जा भौंके,
करते अपनी हंसी वो जाए।
पड़े सामना शेर से उनका,
दूर से करते ह्वाय ह्वाय।
करके फौज..
माखन लगाके रोटी डाली,
बंधुआ श्रमिक बो लिए बनाए।
चापलूसी की हद कर डाली,
गधों को कहें बाप वो जाए।।
करके फौज...
कथनी करनी अंतर भारी,
हाथी जैसे दांत दिखाय।
पेड़ खजूर पे जाके बैठे,
घर के नाही घाट के आए।।
करके फौज...
चिल्ली शेख बने फिरते हैं,
ख्वाब मुंगेरीलाल के आए।
पड़े सामना सत्य से उनका,
नौ दो ग्यारह वो जाए।।
करके फौज।