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उन दोनों चीजों को रखा गया, एक हीरा था और एक नकली हीरा था उन दोनों चीजों को रखा गया, एक हीरा था और एक नकली हीरा था
मनीष धीरे धीरे डिप्रेशन का शिकार हो रहा था मनीष धीरे धीरे डिप्रेशन का शिकार हो रहा था
उस कफ़न के अंदर एक दर्पण रखा हुआ था. उस कफ़न के अंदर एक दर्पण रखा हुआ था.
“भाई! मैं तो बस सीखता जा रहा हूँ, अपनी गलती से भी और साथ ही दूसरों की गलतियों से भी. “भाई! मैं तो बस सीखता जा रहा हूँ, अपनी गलती से भी और साथ ही दूसरों की गलतियों से...